सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएंगे 12वीं पास युवा, रोजाना 2 घंटे पढ़ाने के मिलेंगे प्रतिमाह 9240 रूपए Sanskar Teacher Bharti

Sanskar Teacher Bharti: देश में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने और बच्चों में नैतिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए एक बड़ी पहल की जा रही है. प्रदेश के सभी प्राइमरी स्कूलों में अब संस्कार अध्यापकों (Sanskar Adhyapak) की नियुक्ति होगी. यह कदम नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत उठाया गया है. जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल पढ़ाई में बल्कि नैतिकता और भारतीय संस्कृति में भी मजबूत बनाना है. इस योजना से बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित होंगे और वे समाज के जिम्मेदार नागरिक बन सकेंगे.

शिक्षा के साथ संस्कृति और नैतिकता का ज्ञान

नई शिक्षा नीति में अब सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं. बल्कि विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति (Indian Culture) और गौरवशाली परंपराओं से भी परिचित कराया जाएगा. प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि प्राइमरी स्कूलों में संस्कार अध्यापक बच्चों को नैतिक शिक्षा (Moral Values) देंगे. इन अध्यापकों का मुख्य कार्य होगा बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित करना और उन्हें भारतीय संस्कृति का महत्व समझाना. इससे बच्चों में बचपन से ही सही और गलत की पहचान विकसित होगी और वे समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझ पाएंगे.

स्कूलों में संस्कार अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू

इस योजना को लागू करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही इसके लिए आधिकारिक विज्ञापन भी जारी किया जाएगा. नई शिक्षा नीति के तहत संस्कार अध्यापक बच्चों को दो घंटे प्रतिदिन पढ़ाएंगे और उनमें नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत करेंगे. स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी मिशन और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से यह योजना लागू की जाएगी. एक प्रतिष्ठित संस्थान की देखरेख में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

कैसे होंगे संस्कार अध्यापक, जानिए पात्रता शर्तें

केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़ ने बताया कि इन पदों के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास रखी गई है. उम्मीदवार की उम्र 18 से 42 वर्ष के बीच होनी चाहिए. सरकार ने समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए आरक्षण का भी प्रावधान किया है. अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), भूतपूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को आयु सीमा में तीन साल की छूट दी जाएगी. इसके साथ ही 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं.

दो घंटे की ड्यूटी और मिलेगा 9240 रुपये वेतन

संस्कार अध्यापकों को हर दिन केवल दो घंटे तक सेवा देनी होगी. इसके लिए सरकार द्वारा 9240 रुपये प्रति माह वेतन निर्धारित किया गया है. यदि किसी गांव में एक ही प्राइमरी स्कूल है तो अध्यापक उसी स्कूल में पढ़ाएंगे. लेकिन अगर गांव में दो स्कूल हैं तो वे अपनी सेवाएं दोनों स्कूलों में अलग-अलग दिनों में या एक-एक घंटे तक देंगे. बड़े गांव या कस्बों में जहां दो से अधिक स्कूल होंगे वहां एक से ज्यादा अध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी ताकि सभी स्कूलों में समान रूप से शिक्षा दी जा सके.

विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ेगी

इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम और जागरूकता बढ़ाना है. संस्कार अध्यापक बच्चों को न सिर्फ शिष्टाचार और नैतिकता सिखाएंगे. बल्कि उन्हें भारतीय त्योहारों, परंपराओं और इतिहास से भी रूबरू कराएंगे. इससे बच्चों में न केवल सामाजिक समरसता बढ़ेगी बल्कि उनमें राष्ट्रीयता और देशप्रेम की भावना भी मजबूत होगी. यह शिक्षा बच्चों के व्यक्तित्व विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी.

सात सदस्यों की कमेटी भी होगी गठित

इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी के लिए प्रत्येक स्कूल में सात सदस्यों की एक अलग कमेटी भी बनाई जाएगी. इस कमेटी से जुड़ने के लिए उम्मीदवार का 12वीं पास होना और समाजसेवा से जुड़े रहना अनिवार्य होगा. यह कमेटी स्कूल की एसएमसी कमेटी से अलग होगी और इसका कार्य स्कूल में संस्कार शिक्षा को सही तरीके से लागू कराना. सुझाव देना और विशेष योजनाओं को अमलीजामा पहनाना होगा. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना का लाभ सभी बच्चों तक समान रूप से पहुंचे.

जल्द शुरू होगी नियुक्ति प्रक्रिया

निदेशक नरेश सेलपाड़ ने कहा है कि संस्कार अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के सभी प्राइमरी स्कूलों में इन अध्यापकों की तैनाती हो जाएगी. सरकार की यह पहल निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव लाएगी. विज्ञापन जारी होने के बाद पात्र उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे.