1 तारीख से लागू होंगे सिबिल स्कोर से जुड़े नए नियम, जाने ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर RBI Cibil Score Rules

RBI Cibil Score Rules: जब भी आप किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी से लोन लेने की कोशिश करते हैं, तो सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) चेक किया जाता है. यह स्कोर आपके पुराने लोन, क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल और उनके भुगतान पर आधारित होता है. अगर स्कोर अच्छा है तो लोन लेना आसान होता है. लेकिन कई बार बैंक या अन्य संस्थाएं बिना बताये स्कोर चेक करती हैं या गलत जानकारी दर्ज कर देती हैं. जिससे ग्राहक को नुकसान होता है. इसी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नये नियम लागू किए हैं.

सिबिल स्कोर को लेकर ग्राहकों की बढ़ती सतर्कता

आजकल लोग अपने सिबिल स्कोर को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं. क्योंकि उन्हें पता है कि भविष्य में लोन, क्रेडिट कार्ड या किसी भी तरह की वित्तीय सुविधा के लिए यह स्कोर बहुत अहम होता है. मगर कई बार बैंक या क्रेडिट ब्यूरो की गलती से स्कोर में गड़बड़ी हो जाती है और उसका असर सीधा व्यक्ति की वित्तीय साख पर पड़ता है. इसे गंभीरता से लेते हुए RBI ने ग्राहकों के हित में नए नियम बनाएं हैं, जो 1 तारीख से लागू होंगे.

अब स्कोर चेक करने पर ग्राहक को देना होगा मैसेज या ईमेल

RBI के नए नियम के तहत अब अगर कोई बैंक या एनबीएफसी (NBFC) किसी ग्राहक का क्रेडिट स्कोर चेक करता है, तो उस ग्राहक को इसकी जानकारी देनी अनिवार्य होगी. यह जानकारी SMS या ईमेल के जरिए दी जाएगी. पहले ऐसा नहीं होता था, जिससे ग्राहकों को पता भी नहीं चलता था कि उनका स्कोर कब और किसने चेक किया. अब इस पारदर्शिता से ग्राहकों को जानकारी रखने में मदद मिलेगी.

लोन या कार्ड रिजेक्ट करने पर बतानी होगी वजह

अगर कोई बैंक किसी ग्राहक की लोन या क्रेडिट कार्ड की रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करता है तो अब वह बिना वजह नहीं कर सकता. RBI के निर्देश हैं कि रिजेक्शन की ठोस वजह ग्राहक को बतानी होगी. साथ ही रिजेक्ट की गई इन रिक्वेस्ट की पूरी डिटेल सभी क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो को भेजनी होगी ताकि भविष्य में भी रिकॉर्ड साफ रहे और किसी प्रकार की गलतफहमी न हो.

हर साल एक बार मुफ्त मिलेगी फुल क्रेडिट रिपोर्ट

नए नियमों के अनुसार सभी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे साल में एक बार ग्राहकों को फुल क्रेडिट रिपोर्ट फ्री में दें. इसके लिए अपनी वेबसाइट पर एक साफ-सुथरा लिंक देना होगा. जहां से ग्राहक सीधे जाकर रिपोर्ट डाउनलोड कर सकें. इससे ग्राहक अपने क्रेडिट स्कोर और ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी समय-समय पर चेक कर सकेंगे और गड़बड़ी होने पर तुरंत शिकायत कर सकेंगे.

30 दिनों में शिकायत का समाधान नहीं हुआ तो लगेगा जुर्माना

RBI ने अब शिकायतों के निपटारे के लिए समय सीमा तय की है. अगर कोई ग्राहक सिबिल स्कोर या अन्य क्रेडिट संबंधी समस्या की शिकायत करता है, तो बैंक या क्रेडिट एजेंसी को उसे 30 दिन के अंदर सुलझाना होगा. अगर तय समय में समाधान नहीं होता, तो संबंधित संस्था पर 100 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगेगा. इसमें बैंक को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय दिया गया है.

अगर बैंक 21 दिन में जानकारी नहीं भेजता है, तो बैंक को जुर्माना देना होगा. वहीं, अगर क्रेडिट एजेंसी 9 दिन में काम नहीं करती तो जुर्माना उस पर लगेगा. इससे सभी कंपनियों पर दबाव रहेगा कि वे शिकायतों को जल्दी से जल्दी हल करें.

डिफॉल्ट के पहले ही ग्राहक को दी जाएगी चेतावनी

अगर कोई ग्राहक लोन डिफॉल्ट की स्थिति में है, यानी समय पर लोन की किस्त नहीं दे रहा है या देने की हालत में नहीं है, तो बैंक को पहले ही ग्राहक को SMS या ईमेल के जरिए सूचित करना होगा. इससे ग्राहक सतर्क हो सकेगा और समाधान निकालने की कोशिश कर सकेगा.

हर बैंक और संस्था को बनाना होगा नोडल अधिकारी

RBI ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी बैंक और लोन देने वाली संस्थाएं अपने यहां एक नोडल अधिकारी (Nodal Officer) नियुक्त करें, जो केवल क्रेडिट स्कोर और सिबिल से जुड़ी समस्याओं का समाधान करें. इससे ग्राहकों को मदद मिलने में आसानी होगी और समस्याओं का समाधान तेज़ी से किया जा सकेगा.

नया सिस्टम ग्राहकों के हित में बड़ा कदम

इन सभी नए नियमों का सीधा फायदा ग्राहकों को होगा. अब कोई भी बैंक या फाइनेंस कंपनी मनमर्जी से लोन रिजेक्ट नहीं कर सकेगी, स्कोर चेक करने पर सूचना देनी होगी. शिकायतों को समय पर निपटाना होगा और हर साल मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट भी मिल सकेगी. इससे ग्राहकों का बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा और वित्तीय पारदर्शिता भी मजबूत होगी.