पत्नी को पैसे देते वक्त रखे इन बातों का ध्यान, आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस Income Tax Rules

Income Tax Rules: आज के समय में ज्यादातर पति अपनी पत्नियों को हर महीने घर चलाने के लिए कैश या UPI के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करते हैं. यह एक सामान्य प्रक्रिया बन चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह लेन-देन आपकी इनकम टैक्स फाइलिंग में गड़बड़ी पैदा कर सकता है और आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस भी मिल सकता है?

अगर आपने इस प्रक्रिया में कुछ नियमों का पालन नहीं किया तो यह रकम आपकी कमाई का हिस्सा मानी जा सकती है और उस पर टैक्स भी लग सकता है. आइए विस्तार से जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं.

कैश ट्रांजैक्शन और टैक्स का गहरा रिश्ता

अगर आप हर महीने पत्नी को नकद (कैश) या UPI के जरिए 20,000 रुपये से अधिक की राशि देते हैं और इसका लेखा-जोखा ठीक से नहीं रखते तो यह लेन-देन इनकम टैक्स की नजर में संदिग्ध माना जा सकता है. इसकी वजह यह है कि अगर आपकी पत्नी इस पैसे का इस्तेमाल एफडी प्रॉपर्टी सोना या शेयर बाजार में निवेश के लिए करती हैं और उससे कमाई होती है तो उस आय को इनकम टैक्स विभाग आपकी आय मानकर उस पर टैक्स वसूल सकता है.

धारा 269SS और 269T क्या कहती हैं? जानिए नियम

इनकम टैक्स एक्ट की दो विशेष धाराएं—धारा 269SS और धारा 269T—का सीधा संबंध कैश ट्रांजैक्शन से है. इनका उद्देश्य काले धन और बिना ट्रैक रिकॉर्ड वाले लेन-देन पर रोक लगाना है.

  • धारा 269SS के अनुसार कोई भी व्यक्ति 20,000 रुपये या उससे अधिक की रकम नकद (Cash) में एडवांस उधार या डिपॉजिट के रूप में स्वीकार नहीं कर सकता.
  • धारा 269T के अनुसार अगर आप किसी को 20,000 रुपये या उससे अधिक की राशि उधार या एडवांस में वापस कर रहे हैं तो वह भी केवल बैंकिंग माध्यम (NEFT RTGS या चेक) से ही किया जाना चाहिए.

इसका मतलब साफ है—20,000 रुपये से अधिक की नकद राशि का लेन-देन करना टैक्स नियमों का उल्लंघन हो सकता है.

कैश देने के बजाय बैंकिंग चैनल का करें इस्तेमाल

अगर आपको हर महीने पत्नी को 20,000 रुपये से अधिक की राशि देनी है तो उसके लिए RTGS NEFT IMPS या चेक का ही उपयोग करें. इससे आपका ट्रांजैक्शन टैक्स के नजरिए से सुरक्षित रहेगा और भविष्य में आपको नोटिस का सामना नहीं करना पड़ेगा. डिजिटल माध्यम से लेन-देन करने से पारदर्शिता बनी रहती है और आपको अपनी आय और खर्च का सही रिकॉर्ड भी मिलता है जो टैक्स फाइलिंग के समय काम आता है.

अगर पैसे गिफ्ट कर रहे हैं तो क्या टैक्स देना होगा?

अगर आप अपनी पत्नी को यह पैसा “गिफ्ट” के रूप में देते हैं तो इसमें आपको किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता क्योंकि पति-पत्नी के बीच गिफ्ट टैक्स फ्री होते हैं.

लेकिन ध्यान रखें कि:

  • आपको यह स्पष्ट करना होगा कि यह पैसा “गिफ्ट” के तौर पर दिया गया है.
  • और अगर आपकी पत्नी इस पैसे से निवेश करके कोई आय अर्जित करती हैं तो उस आय पर टैक्स उनकी इनकम में जोड़ा जाएगा आपकी नहीं.

इस तरह अगर सही प्रक्रिया अपनाई जाए तो पैसा देना और टैक्स बचाना दोनों ही संभव है.

याद रखें ये अहम बातें:

  • ₹20,000 से ज्यादा की राशि नकद में पत्नी को न दें.
  • ट्रांजैक्शन बैंकिंग चैनल से करें (NEFT RTGS चेक).
  • अगर पैसे गिफ्ट के रूप में दे रहे हैं तो उसकी जानकारी दस्तावेजों में दर्ज करें.
  • पत्नी उस पैसे से जो कमाई करेंगी वह उनकी आय मानी जाएगी आपकी नहीं.
  • हर लेन-देन का रिकॉर्ड रखें ताकि नोटिस मिलने पर सफाई दी जा सके.

क्या होगा अगर नियमों का उल्लंघन हो गया?

अगर आपने इनकम टैक्स की धारा 269SS या 269T का उल्लंघन किया है तो आयकर विभाग आप पर जुर्माना लगा सकता है जो उस राशि के बराबर हो सकता है. यानी अगर आपने 50,000 रुपये की नकद राशि पत्नी को उधार दी और वह गलत तरीके से दर्ज हुई तो आपको उतनी ही राशि का पेनल्टी टैक्स देना पड़ सकता है.

टैक्स नोटिस से कैसे बचें?

  • हर साल सही और पारदर्शी तरीके से ITR फाइल करें.
  • सभी बड़े लेन-देन बैंकिंग माध्यम से करें.
  • गिफ्ट और उधार के लेन-देन में स्पष्टता रखें.
  • इनकम टैक्स नियमों की जानकारी रखें या किसी टैक्स सलाहकार से सलाह लें.