Inter Caste Marriage Scheme: हरियाणा सरकार ने राज्य में जातीय भेदभाव को खत्म करने के लिए एक बेहद सराहनीय कदम उठाया है. इसके तहत “हरियाणा अंतरजातीय विवाह योजना” शुरू की गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में जाति के आधार पर हो रहे भेदभाव को जड़ से खत्म करना है. यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरी जाति में विवाह करता है, तो सरकार उसे आर्थिक सहायता यानी शगुन राशि प्रदान करती है. इस योजना से न केवल सामाजिक सौहार्द बढ़ेगा. बल्कि लोगों को अपने जीवनसाथी को स्वतंत्र रूप से चुनने की आज़ादी भी मिलेगी.
सरकार दे रही है 2.5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि
इस योजना के तहत यदि कोई सामान्य वर्ग का लड़का या लड़की अनुसूचित जाति (SC) या जनजाति (ST) वर्ग में विवाह करता है, तो सरकार ऐसे जोड़ों को ₹2,50,000 (ढाई लाख रुपये) की आर्थिक सहायता देती है. यह राशि लड़का और लड़की के जॉइंट बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है. इसका उद्देश्य उन लोगों को सामाजिक और आर्थिक सहयोग देना है, जो जातिगत सीमाओं को तोड़कर एक नई शुरुआत करना चाहते हैं.
जातिवाद को खत्म करना है सरकार का उद्देश्य
हरियाणा सरकार इस योजना के माध्यम से समाज में भाईचारे और समानता की भावना को बढ़ावा देना चाहती है. सरकार का मानना है कि यदि लोग जाति के दायरे से बाहर निकलकर विवाह करें, तो इससे समाज में बदलाव आएगा और धीरे-धीरे जातिगत भेदभाव भी खत्म होगा. यह योजना समाज में सकारात्मक सोच और बराबरी के हक को बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत कदम है.
अंतरजातीय विवाह योजना से मिलने वाले लाभ
इस योजना के माध्यम से जोड़े को निम्नलिखित फायदे मिलते हैं:
- अंतरजातीय विवाह करने पर ₹2,50,000 की शगुन राशि मिलती है.
- यह राशि सीधे पति-पत्नी के संयुक्त खाते में भेजी जाती है.
- योजना से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहयोग मिलता है.
- यह पहल जातीय भेदभाव को खत्म करने में मदद करती है.
- योजना से समाज में समरसता और एकता को बढ़ावा मिलता है.
योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी पात्रता
हरियाणा अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं:
- आवेदक हरियाणा राज्य का मूल निवासी होना चाहिए.
- लड़का कम से कम 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए.
- यह विवाह पहली बार होना चाहिए, यानी दूसरी शादी पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
- विवाह का पंजीकरण (Marriage Registration) करवाना अनिवार्य है.
- दंपत्ति में से कोई एक अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से और दूसरा सामान्य वर्ग से होना चाहिए.
- शादी के 3 साल के अंदर ही योजना का लाभ लिया जा सकता है.
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
इस योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होती है:
- आधार कार्ड (Aadhar Card)
- लड़का और लड़की की पासपोर्ट साइज फोटो
- वोटर आईडी या राशन कार्ड
- जन्म प्रमाण पत्र या दसवीं की मार्कशीट
- मैरिज सर्टिफिकेट (Marriage Certificate)
- लड़का और लड़की का संयुक्त बैंक खाता पासबुक
- सेल्फ डिक्लेरेशन एफिडेविट (पहली शादी का प्रमाण)
- फैमिली आईडी
- मोबाइल नंबर
- योजना का आवेदन फॉर्म (Shagun Yojana Form)
कैसे करें योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन
हरियाणा अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ उठाने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिए आप निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं:
- सबसे पहले सरल हरियाणा पोर्टल पर जाएं.
- यदि आपने पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, तो New User/Register Here पर क्लिक करें.
- रजिस्ट्रेशन करने के बाद अपनी ID और पासवर्ड की मदद से लॉगिन करें.
- लॉगिन करने के बाद Apply For Services पर क्लिक करें.
- सर्च बॉक्स में “Mukhyamantri Samajik Antarjatiya Samrasta Yojana” टाइप करें.
- सेवा खुलने के बाद उसमें मांगी गई सभी जानकारियां ध्यान से भरें.
- सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करें और Submit बटन पर क्लिक करें.
- ऑनलाइन आवेदन करने के बाद सभी दस्तावेजों को एक फाइल में लगाकर नजदीकी समाज कल्याण विभाग में जमा करें.
सामाजिक समरसता की ओर एक मजबूत कदम
हरियाणा सरकार की यह योजना उन लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो समाज में बदलाव लाना चाहते हैं. यह योजना न केवल जातिवाद के खिलाफ एक बड़ा संदेश देती है. बल्कि यह दिखाती है कि सरकार समानता और मानवता के सिद्धांतों पर काम कर रही है. अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को आर्थिक मदद देकर सरकार उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रही है.