Free Coaching Yojana: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के श्रमिक और मजदूर परिवारों के बच्चों के लिए एक बड़ी सौगात दी है. अब उन बच्चों को भी डॉक्टर, इंजीनियर, कलेक्टर (IAS) या पुलिस अफसर (IPS) बनने का सुनहरा मौका मिलेगा, जिनके माता-पिता मजदूरी करते हैं. हरियाणा के श्रम विभाग के तहत आने वाला हरियाणा लेबर वेलफेयर बोर्ड ऐसे बच्चों को मुफ्त कोचिंग (Free Coaching) की सुविधा दे रहा है ताकि वे भी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर ऊंचे पदों तक पहुंच सकें.
अफसर बनने का सपना होगा पूरा
यह योजना उन बच्चों के लिए है जो मेडिकल (NEET), इंजीनियरिंग (JEE), कंप्यूटर इंजीनियरिंग और सिविल सेवा परीक्षा (UPSC, HPSC) जैसी कठिन परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं. सरकार बच्चों को एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए 20,000 रुपये या कोचिंग फीस का 75% (जो भी कम हो) सहायता राशि के रूप में दे रही है. वहीं, अगर कोई छात्र UPSC या HPSC जैसी परीक्षाओं का प्रीलिम्स पास कर लेता है तो उसे मेन्स परीक्षा की तैयारी के लिए 1 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी.
पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगी आर्थिक तंगी
अक्सर देखा जाता है कि श्रमिकों और मजदूरों के बच्चों के पास प्रतिभा तो होती है. लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाते. अब इस योजना के तहत उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी और वे बिना किसी चिंता के मेडिकल, इंजीनियरिंग, UPSC, HPSC और अन्य प्रोफेशनल कोर्स की तैयारी कर सकेंगे. इससे उन बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे समाज में अपने परिवार का नाम रोशन कर पाएंगे.
जानिए कौन ले सकता है योजना का लाभ
हरियाणा लेबर वेलफेयर बोर्ड की इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ जरूरी पात्रताएं तय की गई हैं. आइए जानते हैं कौन इस योजना के लिए योग्य है:
- यह योजना केवल उन बच्चों के लिए है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं.
- आवेदन करने वाले छात्र की क्वालीफाइंग परीक्षा में कम से कम 60% अंक होना अनिवार्य है.
- श्रमिक का हरियाणा में किसी इंडस्ट्रियल या कमर्शियल संस्थान में काम करना जरूरी है.
- आवेदक का हरियाणा लेबर वेलफेयर बोर्ड में कम से कम एक साल से रजिस्ट्रेशन होना चाहिए.
- श्रमिक की मासिक आय 25,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.
- आवेदक कम से कम एक साल से नौकरी में होना चाहिए.
- यह लाभ अधिकतम तीन बेटियों या दो बेटों तक सीमित है. यानी परिवार के अधिकतम तीन बच्चों तक ही योजना का लाभ मिलेगा.
जानें कैसे करें योजना में आवेदन
सरकार ने योजना में आवेदन की प्रक्रिया को भी आसान और ऑनलाइन कर दिया है. श्रमिक वर्ग से आने वाले माता-पिता या अभिभावक नीचे दिए गए तरीके से अपने बच्चों के लिए आवेदन कर सकते हैं:
- सबसे पहले हरियाणा लेबर वेलफेयर बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट या सरल हरियाणा पोर्टल पर जाएं.
- पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन (Registration) करें. रजिस्ट्रेशन के बाद आपको लॉगिन आईडी और पासवर्ड मिलेगा.
- लॉगिन करने के बाद योजना के लिए उपलब्ध आवेदन फॉर्म भरें.
- फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक भरें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें.
- सभी जानकारी जांचने के बाद फॉर्म को सबमिट करें.
- आवेदन सफलतापूर्वक जमा करने के बाद एक रसीद मिलेगी जिसे भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित रखें.
योजना के तहत कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी
योजना में आवेदन करते समय नीचे दिए गए दस्तावेजों की जरूरत होगी:
- श्रमिक का हरियाणा लेबर वेलफेयर बोर्ड में रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र
- आवेदक की पहचान पत्र (Aadhaar Card)
- छात्र का निवास प्रमाण पत्र (Address Proof)
- छात्र का इनकम सर्टिफिकेट (Income Certificate)
- प्रतियोगी परीक्षा में प्रवेश प्रमाण पत्र या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- छात्र के पिछले शैक्षणिक प्रमाण पत्र (जैसे 10वीं, 12वीं की मार्कशीट)
- पासपोर्ट साइज फोटो
जानें कब शुरू हुई थी यह योजना
हरियाणा सरकार ने श्रमिकों के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस योजना की शुरुआत 15 जनवरी, 2019 को की थी. हरियाणा लेबर वेलफेयर बोर्ड के माध्यम से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे भी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो सकें और अफसर बनकर समाज और प्रदेश का नाम रोशन करें.
छात्रों को मिलेंगे कई और फायदे
इस योजना के तहत न सिर्फ कोचिंग की फीस में सहायता दी जाती है, बल्कि सरकार बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रही है. छात्रों को कोचिंग संस्थान में एडमिशन लेने से लेकर मेंस परीक्षा तक की तैयारी में आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे भविष्य में सरकारी नौकरियों में अपना स्थान बना सकेंगे.